This is my first Gazhal. Don`t know whether I can call it a gazhal or not. I tried my best. Give me comments and tell me about my mistakes.
Radeef = हैं
Kafiya = अर
vajna = फायलातुन फाइलुन
कहने भर को शहर हैं |
पत्थरो का बसर हैं |
कामयाबी के सफ़र में,
हर अगर तो जहर हैं |
पार पा ले डर पे गर,
फिर तो आसा सफ़र हैं |
बोलता हूँ सच, तभी
दूर मुझसे ज़फर हैं |
गैर की तो बात क्या,
अपनों का ही कहर हैं |
कोहरा फैला तो क्या ,
होने को फिर भी सहर हैं |
लोग सब कल आएँगे,
आज `अंकुर` जिधर हैं |
Tell me about my mistakes...
Radeef = हैं
Kafiya = अर
vajna = फायलातुन फाइलुन
कहने भर को शहर हैं |
पत्थरो का बसर हैं |
कामयाबी के सफ़र में,
हर अगर तो जहर हैं |
पार पा ले डर पे गर,
फिर तो आसा सफ़र हैं |
बोलता हूँ सच, तभी
दूर मुझसे ज़फर हैं |
गैर की तो बात क्या,
अपनों का ही कहर हैं |
कोहरा फैला तो क्या ,
होने को फिर भी सहर हैं |
लोग सब कल आएँगे,
आज `अंकुर` जिधर हैं |
Tell me about my mistakes...
Hi there. I wouldn't have a clue what mistakes you may have made. Thanks for stopping by my blog.
ReplyDeletenice one to begin....
ReplyDeleteliked his one...
पार पा ले डर पे गर,
फिर तो आसा सफ़र हैं......
@ Loree
ReplyDeleteThnx...
achchha prayas.. jari rakhen .
ReplyDelete@ Irfan..
ReplyDeleteThnx...
@ सुरेन्द्र सिंह " झंझट "
ReplyDeleteThnx...
yaar galtiyaan ka pata nahin kyunki urdu koi khaas nahin hai meri per teri urdu ultimate hai,irfanuddin's comnt added another feather fr sure bt dat doesnt take the credit frm u nywaz
ReplyDeleteyaar galtiyaan ka pata nahin kyunki urdu koi khaas nahin hai meri per teri urdu ultimate hai,irfanuddin's comnt added another feather fr sure bt dat doesnt take the credit frm u
ReplyDeleteGood one for first attempt.
ReplyDeleteवाह , अंकुर जी ये शुरुवाद है तो मुकाम क्या होंगे ! बहुत अच्छे ,लिखते रहिये कलम तराशी जाएगी ..
ReplyDeleteअच्छी ग़ज़ल है।
ReplyDeleteइसी तरह लिखते रहिये...... मेरी शुभकामनाएं !
कृपया Word verification की बाधा हटाएं .
गैर की तो बात क्या,
ReplyDeleteअपनों का ही कहर हैं |
nice poem
I wish I could comment. It is not my subject
ReplyDeleteमुझे ग़ज़ल लिखनी नहीं आती । ये एक जटिल विषय विषय है । लेकिन आपकी ग़ज़ल पसंद आई । शब्द चयन बेहतरीन है । यदि दो-दो पंक्तियों की couplets होती तो शायद और बेहतर होती ।
ReplyDelete@ vineet....
ReplyDeleteThnx...
Urdu meri bhi kaha achchhi hain...
@ Rachna..
ReplyDeleteThnx...
@ sharda ji..
ReplyDeleteutsahverdhen karne ke liye shukriya ...
@ sm
ReplyDeleteThnx...
@ varsha ji ...
ReplyDeleteThnx..
Sure....
@ zeal..
ReplyDeletedo-do panktiyo ki hi to hai...
Okay. Very good very attempt. But you asked for mistakes - can I take liberty to tell mistake. Discard my opinion if you don't like. But pls keep in mind I would not spend time pointing mistakes if I did not like poem. IMO remove 3 and 4 stanza. They don't belong in there. You are depicting sadness and 3 and 4 are not really sad
ReplyDelete@ A
ReplyDeleteThnx for comment..
gazhal ka har sher swatantra hota hai. to har sher ka subject alag ho sakta hai....